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कोरबा | कोरबा नगर | कोरबा पर कविता | कविता | कोरबा पर लेख | Korba | Poem on Korba | छत्तीसगढ़ | Chhattisgarh

ऊर्जानगरी ऊर्जाधानी जो इसे बुला लो तुम
कई पहलू अपने अंदर समेटे दिल में इसे बसा लो तुम
बालकों की है अपनी शान
देश में है एक अलग पहचान ।

मार्ग यहां है कच्चे-पक्के
दिल के है पर सभी सच्चे
कोई देखी है बात निराली
काला हीरा देन हमारी
अपने गांव कभी हमें भी बुलाओ
कॉपी पॉइंट एक बार देख कर आओ ।।

जल की धारा हसदेव बहती
रजगामार भी कई कहानियां कहती
प्रकृति का अनुपम सौंदर्य
चैतुरगढ़ और पुत्का और्य ।

चांपा बिलासपुर भी साथ निभाते
विकास पथ में निरंतर बढ़ते जाते हैं
सतरेंगा में करो नौका विहार
कभी खुले देखे हैं बांगो के द्वार ?
देवपहरी की है छटा निराली
सूर्यास्त हो तो बुका वाली ।।

ब्लॉक यहां पे कई प्रकारे
कटघोरा , पाली , पोड़ी उपरोड़ा
करतला भी बड़े प्यारे
छत्तीसगढ़ की नगरी है उद्योग यहां की डगरी है ।

जब भी आओ सौंदर्य ही पाओ
प्रकृति की यह सुंदर लाली है
एक बार में दिल नहीं भरता
छत्तीसगढ़ की यह शान है
आओ कभी हमारे कोरबा
हर व्यक्ति में एक अलग ही स्वाभिमान है ।।


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