बिलासपुर और बिलासपुर जिला में घूमने की जगह , Bilaspur and Tourists place of Bilaspur Chhattisgarh in hindi
आज इस लेख में हम छत्तीसगढ़ की न्यायधानी के नाम से विख्यात और शहरी व प्रशासनिक दोनों रूप से छत्तीसगढ़ के दूसरे सबसे बड़े शहर बिलासपुर जिला के बारे में। बिलासपुर और बिलासपुर जिला में घूमने की जगह , बिलासपुर कहां स्थित है, बिलासपुर जिले की जानकारियां, बिलासपुर क्यों प्रसिद्ध है व बिलासपुर जिले में घूमने या पर्यटन के स्थल , आदि विषयों के बारे में हम इस लेख में जानेंगे।
बिलासपुर - सामान्य परिचय
छत्तीसगढ़ के सबसे बड़े जिलों में से एक बिलासपुर में छत्तीसगढ़ का उच्च न्यायालय स्थित है प्रशासनिक रूप से भी बिलासपुर छत्तीसगढ़ के लिए महत्व रखता है जिसका मुख्यालय बिलासपुर शहर में है। 400 वर्षों के पुराने इतिहास के साथ बिलासपुर का नाम बिलासपुर बिलासा नामक एक महिला के नाम पर पड़ा। यह छत्तीसगढ़ के बिलासपुर संभाग में स्थित है और इसके पड़ोसी जिले गौरेला-पेंड्रा-मारवाड़ी , कोरबा , चांपा-जांजगीर , मुंगेली , कवर्धा आदि हैं। यह छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से 92 किलोमीटर दूर स्थित है। तथा यहां 4 ब्लॉक बिल्हा, कोटा, तखतपुर, मस्तुरी है इसके अलावा यह संस्कृतिक रूप से भी समृद्ध है।बिलासपुर कहां स्थित है
अरपा नदी द्वारा सिंचित बिलासपुर छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर संभाग में स्थित है। इसकी स्थिति 21.47 से 23.8 उत्तर अक्षांश और 81.14 से 83.15 पूर्व देशान्तर पर है व इसकी औसत ऊंचाई 264 मीटर है।कैसे पहुंचे या आवागमन
बिलासपुर जिला रायपुर से 92 किलोमीटर दूर है यहां निम्नलिखित साधनों द्वारा पहुंचा जा सकता है।सड़क मार्ग - छत्तीसगढ़ के विभिन्न स्थानों से बिलासपुर सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा है इसके अलावा यहां से कई राष्ट्रीय व राजकीय राजमार्ग गुजरते हैं छत्तीसगढ़ ही नहीं भारत के कई राज्यों से भी बिलासपुर के लिए बस सेवा संचालित की जाती है।
रेल मार्ग - बिलासपुर जिले का मुख्य रेलवे स्टेशन बिलासपुर जंक्शन है इसके अलावा यहां कई स्टेशन जैसे :- चकरभाटा , दाधापारा , उसलापुर , गतोरा आदि है दक्षिण-पूर्व मध्य रेलवे का मुख्यालय भी बिलासपुर में ही स्थित है।
वायु मार्ग - बिलासपुर का निकटतम हवाई अड्डा रायपुर में स्थित है जहां से आप सड़क मार्ग द्वारा बिलासपुर शहर आ सकते है इसके अलावा कुछ ही समय पहले बिलासपुर के चकरभाठा में स्थित हवाई अड्डे से हवाई सेवा प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है।
बिलासपुर जिले की जानकारियां
3508 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्रफल में फैला बिलासपुर अपने सांस्कृतिक व प्राचीन महत्त्व के साथ चावल की गुणवत्ता और कोसा उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। अरपा नदी के किनारे स्थित बिलासपुर की जनसंख्या 12,25,502 साक्षरता दर 74.46% व लिंगानुपात 964 है। 708 गांव के साथ यहां एक नगर निगम व दो नगर पालिका परिषद है।क्षेत्रफल : 3,508 sq km
जनसंख्या : 12,25,502
साक्षरता दर : 74.46%
ब्लाक : 4
तहसील : 5 (बिल्हा , बिलासपुर , कोटा , तखतपुर , मस्तुरी)
इतिहास
400 वर्ष पुराने बिलासपुर का नाम यहां रहने वाली महिला बिलासा के नाम पर रखा गया था। मुख्यता रतनपुर के कलचुरी वंश के राजाओं द्वारा नियंत्रित बिलासपुर मराठा साम्राज्य के समय वर्ष 1741 में प्रमुखता से उभरा। मराठा साम्राज्य के द्वारा यहां किले का निर्माण भी प्रारंभ कराया गया परंतु यह कभी पूरा ना हो सका। सन् 1854 में ईस्ट इंडिया कंपनी द्वारा बिलासपुर का अधिग्रहण कर लिया गया। 1861 में इस जिले को गठित किया गया व 1867 में बिलासपुर नगर पालिका बनाया गया।नदी वन एवं जलवायु
बिलासपुर की प्रमुख नदी अरपा नदी है। जिसकी लंबाई 147 किलोमीटर है और उद्गम स्थल पेंड्रा पठार की पहाड़ी है। यह छत्तीसगढ़ की गंगा कहीं जाने वाली महानदी की सहायक नदियों में से एक है। यहां बरसात का मौसम जुलाई से सितंबर , ठंडी का मौसम नवंबर के आखिरी मध्य से प्रारंभ होता है यहां की जलवायु उप-ऊष्णकटिबंधीय और महाद्वीपीय , अर्धशुष्क और मानसून है। यहां की भूमि उपजाऊ व कृषि के लिए उपयुक्त है जिस कारण यहां विभिन्न फसलों का उत्पादन किया जाता है। बिलासपुर की अन्य प्रमुख नदियां मनियारी और लीलागर है।मनोरंजन व अर्थव्यवस्था
अर्थव्यवस्था में भी बिलासपुर की स्थिति बहुत अच्छी है पूरे देश में ऊर्जा के क्षेत्र में बिलासपुर संभाग प्रसिद्ध है एस.ई.सी.एल. का मुख्यालय भी सीपत बिलासपुर में है। यहां का मुख्य बाजार गोल बाजार , सदर बाजार आदि और यहां कई मॉल्स भी है उद्योगों के लिए भी बिलासपुर प्रसिद्ध है सीपत में एसईसीएल का ऊर्जा गृह स्थित है यहां और भी छोटे विद्युत गृह जैसे गीतांजलि , महानदी व नोवा स्थित है। विभिन्न सहायक और लघु उद्योग के साथ तिफरा - सिरगिट्टी और सिलपहरी भी महत्वपूर्ण उद्योग यहां स्थित है।संस्कृति एवं विरासत
बिलासपुर की संस्कृति अति समृद्ध है व हमें यहां इतिहास के छाप भी देखने को मिलते हैं बिलासपुर में पुरानी कला व साम्राज्य के कई अवशेष मिले हैं जिसमें मुख्य रतनपुर का महामाया मंदिर है इसके अलावा और भी विभिन्न प्राचीन मंदिर जैसे देवरानी-जेठानी मंदिर, प्राचीन शिव मंदिर आदि इस बात को प्रमाणित करते हैं कि बिलासपुर का इतिहास अति वैभवशाली व प्राचीन है। रतनपुर का महामाया मंदिर की कला व यहां का मंडप और प्रवेश द्वार दर्शनीय और कलात्मक है। इसके अलावा यहां का प्राचीन तालाब भी काफी प्रसिद्ध है। इसके अलावा यहां भारत के सभी प्रमुख त्योहारों को मनाया जाता है वह स्थानीय पर्व व नाचा जैसे :- सुआ नृत्य , भोजली , राउत-नाचा , पोला भी ग्रामीण क्षेत्रों में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है।बिलासपुर क्यों प्रसिद्ध है या किस लिए प्रसिद्ध है
छत्तीसगढ़ की “ न्यायधानी ” के नाम से विख्यात बिलासपुर जिला बहुत ही खास है। बिलासपुर में रेलवे जोन भी है और यह जोन भारत को सबसे अधिक आय प्रदान करने वाला जोन है बिलासपुर रेल मार्ग भारत के सबसे व्यवस्तम् रेल मार्गो में से एक है जिसमें कई लोकल , एक्सप्रेस , राजधानी व मेल ट्रेन संचालित होती है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे का मुख्यालय भी बिलासपुर में स्थित है जिसके अंतर्गत नागपुर रायपुर व बिलासपुर मंडल आते हैं। यही छत्तीसगढ़ राज्य का उच्च न्यायालय भी स्थित है इसी कारण इसे न्यायधानी कहा जाता है यह न्यायालय बोदरी गांव में स्थित है। यहां उच्च गुणवत्ता के अनाज भी उत्पन्न होते हैं और सुगंधित दुबराज किस्म की चावल भी काफी प्रसिद्ध है व यहां की कोसे की साड़ियां जो हाथ करघा से निर्मित की जाती है काफी विख्यात है यहां के प्राचीन मंदिर , ऐतिहासिक स्थल , रतनपुर का मंदिर भी काफी प्रसिद्ध है तथा यहां का कानन पेंडारी जू भी काफी प्रसिद्ध है। जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग यहां आते हैं। बिलासपुर जिले की सीमा उत्तर में गौरेला पेंड्रा मारवाड़ी पूर्व में कोरबा और जांजगीर चांपा दक्षिण में भाटापारा बलौदा जिला व पश्चिम में मुंगेली कबीरधाम से लगती है।बिलासपुर जिले में घूमने की जगह और पर्यटन स्थल
बिलासपुर में बहुत से घूमने की जगह और पर्यटन स्थल है जहां घूमकर आपको बहुत अच्छा लगेगा है। यहां आप विभिन्न साधनों व सड़क मार्ग के द्वारा पहुंच सकते हैं बिलासपुर में कई पर्यटन स्थल जैसे :- मल्हार, बिलासा ताल, पाली, महामाया मंदिर रतनपुर, कानन पेंडारी जू, ऊर्जा पार्क, आदि है। बिलासपुर में विभिनता के साथ-साथ कई पर्यटन स्थल भी है जहां हर वर्ष कई लोग आते हैं। यहां कई शॉपिंग मॉल्स , होटल , रेस्टोरेंट , वाटर पार्क , गार्डन भी है जहां घूम कर आप आनंद ले सकते हैं। आप यहां विभिन्न प्रकार के व्यंजनों का लुफ्त उठा सकते हैं व अरपा नदी के किनारे स्थित रिवरव्यू भी काफी प्रसिद्ध है। कुछ मुख्य पर्यटक स्थलों के बारे में नीचे विस्तार से जानकारी दिया गया है :-कानन पेंडारी चिड़ियाघर
कानन पेंडारी जू काफी प्रसिद्ध है इसे देखने दूर-दूर से लोग आते हैं बिलासपुर से 10 किलोमीटर दूर सकरी के समीप स्थित इस चिड़ियाघर में विभिन्न प्रकार के जानवर देखने को मिलते हैं यहां जानवरों पक्षियों व सांपों की बहुत सी प्रजातियां देखने को मिलती है जिनमें प्रमुख जानवर शेर , बाघ , तेंदुआ , दरियाई घोड़ा , हिरण , हिप्पोपोटामस , सफेद बाघ , शुतुरमुर्ग , भालू आदि हैं। इसके अलावा यहां पार्क , बच्चों के लिए झूले व एक बड़ा हाथी झूला भी है। यहां जाने के लिए बिलासपुर शहर से बसों वाहनों की सुविधा उपलब्ध है जानवरों और प्रकृति प्रेमियों के लिए यह जगह बहुत ही अच्छी हैं।खुटाघाट डैम
प्रकृति के बीच बसा खुटाघाट बांध हमेशा से ही पर्यटकों के बीच मशहूर रहा है रतनपुर से महज 5 किलोमीटर दूर खरून नदी पर स्थित डैम अपनी सुंदरता से सभी को मंत्रमुग्ध कर लेती है जिस कारण यहां कई लोग पिकनिक बनाने व प्रकृति का आनंद लेने आते हैं। बिलासपुर - अंबिकापुर हाईवे से होते हुए इस स्थान पर पहुंचकर आप जंगल व पहाड़ी से घीरे इस जगह का आनंद ले सकते हैं। आसपास के क्षेत्रों में इसी बांध के द्वारा सिंचाई का कार्य भी किया जाता है।बिलासा ताल
बिलासपुर के कोनी में स्थित बिलासा ताल भी काफी प्रसिद्ध है यह शहर के मुख्य पार्क में से एक है यहां पर भी काफी लोग आकर समय व्यतीत करना पसंद करते हैं व यहां पर बच्चों के लिए कई झूले और एक छोटा झील भी बनाया गया यहां का माहौल शांत और प्रकृतिक है यहां परिवार व मित्रों के साथ जाया जा सकता है।काली मंदिर तिफरा
तिफरा में स्थित काली मंदिर प्रसिद्ध स्थलों में से एक है इस मंदिर के दर्शन करने दूर-दूर से लोग आते हैं और विशेष दिनों पर इस मंदिर में भक्तों की भीड़ रहती है यहां की कलाकृतियों को देखने के लिए भी कई लोग आते हैं बिलासपुर में आप इस स्थान में जा सकते हैं।रतनपुर का महामाया मंदिर
छत्तीसगढ़ द्वारा संरक्षित रतनपुर का महामाया मंदिर काफी विख्यात है। माना जाता हैं कि यह मंदिर 12 वीं शताब्दी का निर्मित है और यह मंदिर महामाया को समर्पित किया गया है मंदिर के द्वारा हमें प्राचीन काल की समृद्ध कला की झलक मिलती है समीप में ही स्थित प्राचीन तालाब भी मुख्य आकर्षण का केंद्र है। साल भर यहां भक्तों का आवागमन रहता है परंतु नवरात्रि में यहां विशेष आयोजन जैसे मुख्य उत्सव , विशेष पूजा अर्चना आदि किया जाता है। श्रद्धालुओं का इस स्थान पर काफी आस्था है व पर्यटको के लिए भी यह अच्छा स्थान है।जानकारियां द्वारा :-
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