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कोरबा और कोरबा जिला में घूमने की जगह , Korba and Tourists place of Korba Chhattisgarh in hindi

आज इस लेख में हम प्रकृति की गोद में बसा और छत्तीसगढ़ की ऊर्जाधानी के नाम से विख्यात कोरबा के बारे में जानेंगे। कोरबा और कोरबा जिला में घूमने की जगह , कोरबा कहां स्थित है , कोरबा जिले की जानकारियां , कोरबा क्यों प्रसिद्ध हैकोरबा जिले में घूमने या पर्यटन के स्थान। इन सभी विषयों के बारे में आज हम इस लेख में जानेंगे।


कोरबा - सामान्य परिचय

छत्तीसगढ़ राज्य में स्थित कोरबा जिला अपने प्रकृति संपदा व उद्योगों के लिए प्रसिद्ध है जिसका मुख्यालय कोरबा नगर में है कोरबा को जिले का दर्जा 25 मई 1998 को मिला। इसका नाम कोरबा यहां के रहने वाली जनजाति पहाड़ी कोरवा के कारण पड़ा। यह छत्तीसगढ़ के बिलासपुर संभाग में स्थित है तथा इसके पड़ोसी जिले चांपा जांजगीर , बिलासपुर , कोरिया आदि है। यह छत्तीसगढ़ के राजधानी रायपुर से 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है तथा यहां 5 ब्लॉक कोरबा , कटघोरा , पोड़ी-उपरोड़ा , कलतरापाली है इसके अलावा यहां प्रचुर मात्रा में प्राकृतिक संसाधन है। वनों की अधिकता के साथ यहां कई आदिवासी जनजातियां भी निवास करती है।

कोरबा कहां स्थित है

कोरबा जिला छत्तीसगढ़ राज्य के बिलासपुर संभाग में स्थित है यह प्रकृति की गोद में तथा हसदेव नदी और अहिरन नदी के संगम के किनारे बसा है कोरबा की स्थिति 22°21′N 82°41′E / 22.35°N 82.68°E पर है तथा इसकी औसत ऊंचाई 252 मी.( 826 फीट ) है।

कैसे पहुंचे या आवागमन

कोरबा जिला रायपुर राजधानी से लगभग 200 किलोमीटर व बिलासपुर जिले से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर है यहां पर निम्नलिखित साधनों से पहुंचा जा सकता है।
सड़क मार्ग - छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों से कोरबा सड़क मार्ग के द्वारा जुड़ा हुआ है या रायपुर राजधानी से लगभग 200 किलोमीटर व बिलासपुर से लगभग 100 किलोमीटर दूर है। यहां आने के लिए विभिन्न स्थानों से बस संचालित की जाती है।
रेल मार्ग - कोरबा शहर रेल मार्ग के द्वारा छत्तीसगढ़ के विभिन्न शहरों से जुड़ा हुआ है काफी ट्रेनें बिलासपुर जंक्शनरायपुर जंक्शन से कोरबा के लिए संचालित की जाती है।
वायु मार्ग - वायु मार्ग से कोरबा पहुंचने के लिए रायपुर एयरपोर्ट पर पहुंचकर रेल मार्ग या सड़क मार्ग के द्वारा कोरबा पहुंचा जा सकता है।

कोरबा जिले की जानकारियां

कोरबा जिले में कुल 5 ब्लॉक व 5 नगर निगम है कोरबा जिले का क्षेत्रफल 6,598 sq कि.मी. है। यहां की मुख्य भाषा हिंदी और छत्तीसगढ़ी है। 12,06,640 जनसंख्या के साथ यहां की साक्षरता दर 72.40% लिंगानुपात 927 है। यहां लगभग 792 गांव 5 विकासखंड है ।

क्षेत्रफल : 6,598 sq km
जनसंख्या : 12,06,640
साक्षरता दर : 72.40%
विकास खंड : 5
प्रचलित भाषाएं : हिंदी , छत्तीसगढ़ी
तहसील : 5 (कोरबा , करतला , कटघोरा , पाली , पोड़ी उपरोड़ा)

इतिहास

कोरबा को 25 मई 1998 को जिले के रूप में दर्जा दिया गया यह छत्तीसगढ़ के उत्तर मध्य में स्थित है संरक्षित जनजाति कोरवा (पहाड़ी कोरवा) के निवास स्थान के कारण क्षेत्र का नाम कोरबा पड़ा इसके अलावा यह विभिन्न जनजातियां निवास करती है। जो अपने परंपराओं , प्रथा व त्योहारों को आज भी बनाए हुए हैं। कोरबा को छत्तीसगढ़ की ऊर्जा धानी व औद्योगिक केंद्र के रूप में भी जाना जाता है इसका कारण है यहां पर बिजली उत्पादन व यहां के बड़े-बड़े औद्योगिक केंद्र । प्रकृतिक संसाधनों की प्रचुर मात्रा यहां उद्योग व बिजली संयंत्रों के लिए सुलभ है जिस कारण यहां कई विद्युत घर जैसे एनटीपीसी , सीएसईबीबाल्को स्थित है।

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नदी , वन एवं जलवायु

हसदेव नदी के किनारे बसा कोरबा शहर वनों से घिरा हुआ है जिस कारण यहां का प्राकृतिक सौंदर्य अति मनभावन है यहां की मुख्य नदी हसदेव नदी हैं जो कोरबा के मध्य से बहती है इस नदी की सहायक नदियां गेजकोराई , टैनअहिरन है व इसका उद्गम स्थल कोरिया जिले की कैमूर पहाड़ियों व लंबाई 233 किलोमीटर है। कोरबा में वन विभाग की दो मंडल है। व जिला गर्म शीतोष्ण जलवायु क्षेत्र में आता है। यहां गर्मी का मौसम अप्रैल से जून मध्य व बरसात का मौसम मध्य जून से सितंबर के अंत तक रहता है।

निवास

कोरबा जिले में विभिन्न सामाजिक धार्मिक और सांस्कृतिक लोग निवास करते हैं यहां सभी मिलजुल कर व आपसी भाईचारे से रहते हैं यहां मुख्य रूप से कृषि किया जाता है व यहां उद्योगों व बिजली संयंत्रों की भी मुख्य भूमिका है। विभिन्न संस्कृतियों के एक साथ निवास करने के कारण यहां सभी मिलजुल कर होली , दशहरा , क्रिसमसदीपावली मनाते हैं यहां आदिवासी मुख्य रूप से निवास करते हैं तथा यहां की मुख्य अनुसूचित जनजाति पहाडी कोरवा, गोंड, राज गोंड, कवर, भैयाना, बिन्जवार, धनुहर आदि है और अनुसूचित जाति सतनामी, गंगा, पंक आदि है व मुख्य आदिवासी त्योहार देव उथनी, पोला, छेरछेरा, करमा,हरेली आदि बड़े हर्षोल्लास व खुशी से मनाया जाता है इसके अलावा यहां के राऊत नाचा,करमा नाचा,सुवा नाचा इत्यादि नाच भी बहुत प्रसिद्ध है।

संस्कृति एवं विरासत

कोरबा जिला विभिन्न लोगों के रहने का स्थान है तथा यहां आदिवासी बहुलता है व यहां अनुसूचित जाति व जनजाति के बहुत से लोग भी निवास करते हैं। जिले की मुख्य जनजाति समुदाय पहारी कोरवा और बिरहोर समुदाय है। इनका निवास मुख्यता पहाड़ी व वन क्षेत्रों में होता है देव उठनी, पोला, छेरछेरा, कर्मा और हरेली मुख्य जनजातीय त्योहार है। हरेली या हरियाली मानसून के मौसम में किसानों द्वारा मनाया जाने वाला प्रमुख त्यौहार है। इसके अलावा पोला त्यौहार भी काफी मशहूर है जिसमें मिट्टी के बैल बनाने का प्रचलन है। यहां बोले जाने वाली भाषा हिंदी एव छत्तीसगढ़ी है कोरबा जिला ऐतिहासिक रूप से भी काफी महत्व रखता है यहां कई प्राचीन मंदिर पाए जाते हैं जिनमें पाली का ऐतिहासिक मंदिर , चैतुरगढ़ व कोरबा में स्थित सर्वमंगला मंदिर प्रसिद्ध है।

कोरबा क्यों प्रसिद्ध है या किस लिए प्रसिद्ध है

कोरबा मुख्य रूप से अपने समृद्ध वन संपदा व प्रकृतिक संसाधन (कोयला, पानी) की प्रचुरता के कारण प्रसिद्ध है। यहां कई मनोहर पर्यटन स्थल व घूमने की जगह है विभिन्न प्रकार के बड़े-बड़े प्लांट है एशिया का सबसे बड़ा खुले कोयले की खदान(ओपन कास्ट माइन) है। व कई ओपन और अंडर ग्राउंड माइन्स भी संचालित की जाती है। कोरबा में छत्तीसगढ़ का सबसे बड़ा मिनीमाता हसदेव बांगो डैम भी स्थित है जिसके द्वारा रोके गए जल के किनारे विभिन्न पिकनिक स्पॉट जैसे सतरेंगा, बुका आदि स्थित है। यहां कई अन्य ऐतिहासिक व सामाजिक स्थल भी स्थित है कई प्रसिद्ध मंदिर जैसे सर्वमंगला, मड़वारानी, चैतुरगढ़ भी स्थित है यहां कई पर्यटन स्थल भी है जो वनो के बीच में हैं जो काफी प्रसिद्ध है जैसे रानी झरना , केसला घाट , कॉफी प्वाइंट , देवपहरी आदि।

कोरबा जिले में घूमने की जगह और पर्यटन स्थल

कोरबा में बहुत से घूमने की जगह और पर्यटन स्थल है जिनकी प्राकृतिक सुंदरता अति मनभावन है। यहां आप विभिन्न साधनों व सड़क मार्ग के द्वारा पहुंच सकते हैं।
कोरबा में कई पर्यटन स्थल जैसे :- चित्तौड़गढ़, कनकी, देवपहरी, कोसगईगढ़, केंदई, मड़वारानी, कुदुरमाल, मेहरगढ़, पाली, सर्वमंगला, सीतामणी, तुमान आदि है। छत्तीसगढ़ में कोरबा विद्युत ( बिजली ) का केंद्र होने के साथ-साथ प्राकृतिक रूप से भी लाभान्वित है। पर्यटक यहां पर घने जंगलों पहाड़ों नदियों एवं आदि के खूबसूरत दृश्य देख सकते हैं। यहां आज भी ऐसे कई प्रकृतिक दर्शनीय स्थल है जो पर्यटको से लगभग अछूते हैं। कुछ मुख्य पर्यटन स्थलों के बारे में नीचे जानकारी दी गई है जो निम्नलिखित है :-

सतरेंगा

कोरबा के प्रसिद्ध पर्यटक स्थल में से एक सतरेंगा भी है जो बांगो डैम के जल के किनारे बसा है सतरेंगा काफी प्रसिद्ध क्षेत्र है व इसे हाल ही में बहुत विकसित किया गया। आप यहां वॉटर स्पोर्ट्स के साथ फ्लोटिंग रेस्टोरेंटरूकने के लिए गेस्ट हाउस का भी लुफ्त उठा सकते हैं सतरेंगा सड़क मार्ग के द्वारा आया जा सकता हैं व यहां जल में आती लहरें आपको समुद्र के किनारे होने का एहसास देती हैं।

देवपहरी

कोरबा से लगभग 58 किलोमीटर दूर स्थित देवपहरी भी काफी चर्चित पर्यटन स्थल है गोविंद झुंझ जलप्रपात यहां प्रसिद्ध है इसके साथ आप यहां पास में ही स्थित नकिया झरना का भी आनंद उठा सकते हैं कोरबा के प्रसिद्ध घूमने की जगह में से एक दोवपहरी है आप यहां सड़क मार्ग के द्वारा पहुंच सकते हैं। यह बहुत प्रसिद्ध स्थल है जहां घूमने के लिए दूर-दूर से लोग आते हैं।

रानी झरिया

हाल ही के कुछ समय में प्रसिद्ध हुए अजगर बहार के समीप स्थित रानी झरना जिसे हिडन वाटरफॉल भी कहा जाता है बहुत प्रसिद्ध है। 90 फीट ऊंचे इस झरने को देखने के लिए आपको लगभग 3 किलोमीटर की ट्रैकिंग करनी पड़ेगी व यह एक रोमांचक जगह है। यहां जाने के लिए मार्ग वन और पत्थरों के बीच से है जो एक रोमांचक सफर होता है यदि आप ट्रेकिंग और प्रकृति के शौकीन हैं तो यह जगह आपके लिए बहुत अच्छी है।

बुका

छत्तीसगढ़ का मॉरीशस कहां जाने वाला बुका हमेशा से लोगों की पसंद रहा है। कोरबा से लगभग 65 किलोमीटर दूर बुका में आप बोटिंग (नौका विहार) से प्रकृति का लुफ्त उठा सकते हैं जो सचमुच एक सुंदर एहसास है। इसके साथ आप केंदई वॉटर फॉर और गोल्डन आइसलैंड भी घूमने जा सकते हैं जो यहां पास में ही स्थित है। यहां रेस्टोरेंट और विभिन्न हाउस स्थित है व यहां कैंप फायर और हॉर्स राइडिंग भी किया जा सकता है।

बांगो डैम

छत्तीसगढ़ की प्रमुख नदी व छत्तीसगढ़ की गंगा कहलाने वाली महानदी की सहायक नदी हसदेव जो लगभग 333 किलोमीटर लंबी है व कोरिया से निकलती है पर स्थित डैम मिनीमाता हसदेव बांगो डैम है जो डेम होने के साथ-साथ एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल भी है इस स्थान में काफी मात्रा में जल को संचित किया गया है जिसका मुख्य उपयोग सिंचाई , नहरों , बिजली उद्योगों व संयंत्रो को देने के लिए किया जाता है। यहां काफी मात्रा में आमजन पिकनिक बनाने के लिए आते हैं व पर्यटन के लिए भी काफी प्रसिद्ध है यहां संचित जल , प्रकृति और हरियाली पर्यटकों का मनमोह लेती है।
छत्तीसगढ़ के पर्यटन स्थल

सतरेंगा


सतरेंगा कोरबा ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ का भी एक प्रसिद्ध पर्यटक स्थल है यहां का जल समुद्र जैसा प्रतीत होता है जिस पर नौका विहार की व्यवस्था की गई है सरकार द्वारा इस एक पिकनिक स्पॉट के रूप में विकसित किया जा रहा है यहां आपको जरूर आना चाहिए‌।

सतरंगा का प्राकृतिक दृश्य काफी अच्छा है प्रकृति के हरे भरे पेड़ों से मिलता हुआ समुद्र का गहरा नीला जल जैसा पानी का भंडार बहुत सुंदर दिखता है पास ही में एक पहाड़ भी है सड़क मार्ग से सतरंगा जाने पर रास्ते में घने जंगल भी पड़ते हैं। समीप ही पर्यटन स्थल देवपहरी ही स्थित है।

पिकनिक स्पॉट -
परिवार के साथ स्थान पर पिकनिक बनाने भी काफी संख्या में लोग पहुंचते हैं यहां परिवार और दोस्तों के साथ पिकनिक बनाने के लिए काफी अच्छी जगह है धीरे-धीरे यह लोगों के बीच प्रसिद्ध होता जा रहा है दिन-ब-दिन यहां पर्यटकों की संख्या बढ़ रही है।

आकर्षण

बांध - मिनी माता बांगो बांध के द्वारा रोके गए जल से पर्यटन स्थल का निर्माण होता है।
रेस्ट हाउस - सतरेंगा पर्यटन स्थल में रेस्ट हाउस की भी व्यवस्था है। एक पानी पर तैरता हुआ रेस्टोरेंट्स भी यहां उपलब्ध है।
बोटिंग - यहां बोटिंग की भी व्यवस्था है पानी पर तैरता हुआ पुल भी है । स्पीड बोट , जेट बोट व नार्मल बोट भी स्थित है। अतः यहां आप अच्छे से बोटिंग का आनंद ले सकते हैं।

कैसे पहुंचे -

सतरेंगा पहुंचने के लिए आपको पहले कोरबा शहर आना पड़ेगा । कोरबा शहर से सतरेंगा पिकनिक स्पॉट की दूरी लगभग 35 किलोमीटर है यह सतरेंगा गांव के निकट स्थित है। कोरबा शहर छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर से लगभग 200 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है वायु मार्ग हेतु आप रायपुर के एयरपोर्ट पर उतर सकते हैं उसके बाद सड़क मार्ग द्वारा कोरबा पहुंचा जा सकता है कोरबा रेल मार्ग द्वारा भी मुख्य शहरों से जुड़ा हुआ है बिलासपुर चांपा से यहां दिन प्रतिदिन ट्रेनों की व्यवस्था है और सड़क मार्ग से कोरबा अपने पड़ोसी जिलों व मुख्य नगरों से जुड़ा हुआ है।




जानकारियां द्वारा :- https://hi.m.wikipedia.org/wiki/%E0%A4%95%E0%A5%8B%E0%A4%B0%E0%A4%AC%E0%A4%BE






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